Stock Market Crash 2025: सेंसेक्स-निफ्टी में कोरोना के बाद सबसे बड़ी गिरावट, टैरिफ वार से मची तबाही

लेखक: Vagmi Infotech टीम | प्रकाशित: 7 अप्रैल 2025
के शेयर बाजार ने 7 अप्रैल 2025 को इतिहास की सबसे खराब शुरुआत की, जो कोविड-19 महामारी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित टैरिफ वार (Tariff War) ने वैश्विक स्तर पर.. आर्थिक भूचाल ला दिया है, जिसका असर भारत समेत एशियाई और अमेरिकी बाजारों पर भी साफ दिख रहा है।
भारतीय बाजार में क्या हुआ?
सेंसेक्स और निफ्टी की ऐतिहासिक गिरावट
- सेंसेक्स: 3,239.94 अंकों की गिरावट के साथ 72,124.75 पर आ गया, जो 4.30% की भारी गिरावट है।
- निफ्टी 50: 1,318.10 अंकों की गिरावट के साथ 21,586.35 तक लुढ़क गया, गिरावट 5.75%।
यह गिरावट 2020 के कोविड संकट के बाद की सबसे बड़ी ओपनिंग गिरावट है।
वैश्विक बाज़ार में हड़कंप
- नैस्डैक-100 (NASDAQ-100): 6.07% गिरकर 17,397.70 पर
- नैस्डैक कंपोजिट (Nasdaq Composite): 5.82% गिरकर 15,587.79 पर
- जापान का निक्केई (Nikkei): 7.8% की गिरावट
- हांगकांग का हैंग सेंग (Hang Seng) और ताइवान का TAIEX: 10% तक गिरे
- कोरिया का KOSPI: 4.6% गिरा
🇺🇸 डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ प्लान से मचा भूचाल
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन और अन्य देशों पर भारी आयात शुल्क (Import Tariff) लगाने की घोषणा की है, जिससे एक नई वैश्विक ट्रेड वॉर की आशंका खड़ी हो गई है।
प्रमुख कारण:
- अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव का बढ़ना
- अन्य देश भी जवाबी शुल्क (retaliatory tariffs) लगाने की तैयारी में
- इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) बाधित हो सकती है
- निवेशकों में भय और अस्थिरता
भारतीय बाजार में कौन-कौन से सेक्टर सबसे ज्यादा गिरे?

Nifty Sectoral Indices की गिरावट:
सेक्टर | गिरावट (%) | इंडेक्स स्तर |
---|---|---|
निफ्टी मेटल | 6.91% | 7,832.90 |
निफ्टी आईटी | 5.75% | 31,584.55 |
मिडस्मॉल IT & टेलिकॉम | 5.50% | 8,098.15 |
निफ्टी मीडिया | 4.97% | 1,414.45 |
निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज | 3.57% | 23,891.00 |
निफ्टी बैंक | 3.31% | 49,800.25 |
निफ्टी मिडकैप | 5.34% | 10,584.40 |
टॉप 5 घाटे वाले शेयर (Sensex Losers)
स्टॉक | गिरावट (%) | मूल्य (₹) |
---|---|---|
Tata Steel | -9.97% | ₹126.45 |
Infosys | -9.43% | ₹1,315.30 |
Tata Motors | -8.51% | ₹561.60 |
Tech Mahindra | -8.00% | ₹1,215.85 |
Adani Ports | -7.24% | ₹1,065.45 |
डॉलर के मुकाबले गिरा रुपया
भारतीय रुपया 19 पैसे गिरकर 85.63 पर पहुंचा। निवेशकों की निगाहें अब RBI की मौद्रिक नीति (Monetary Policy) की बैठक पर टिकी हैं, जो बुधवार को होने वाली है।
निवेशकों के लिए सुझाव
- घबराएं नहीं – बाजार में अस्थिरता वैश्विक कारणों से है, जल्दबाजी में निर्णय न लें।
- लॉन्ग टर्म निवेश में विश्वास रखें – अगर आप SIP या म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो रुकना नहीं चाहिए।
- बड़ी गिरावट को अवसर मानें – मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स में धीरे-धीरे निवेश बढ़ाया जा सकता है।
- डॉलर आधारित निवेश (जैसे गोल्ड ETF, इंटरनेशनल फंड्स) पर भी विचार करें
क्या भारत मंदी की ओर बढ़ रहा है?
यह कहना जल्दबाज़ी होगी। लेकिन अगर:
- अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर गहराता है,
- वैश्विक निवेश कम होता है,
- और भारत में FII आउटफ्लो बढ़ता है,
तो निश्चित रूप से भारत की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। इसलिए RBI, वित्त मंत्रालय और G20 देशों की नजर इस स्थिति पर है।
FAQs – आपके सवाल, हमारे जवाब
Q1. क्या टैरिफ वॉर से भारत को सीधा नुकसान होगा?
हाँ, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था भी वैश्विक व्यापार से जुड़ी हुई है। Supply chain disruptions और विदेशी निवेश की कमी भारत को प्रभावित कर सकती है।
Q2. निवेशकों को क्या करना चाहिए?
लॉन्ग टर्म सोचें, panic selling से बचें, और अच्छे स्टॉक्स में SIP जारी रखें।
Q3. क्या ये गिरावट आगे भी जारी रहेगी?
अगर टैरिफ वार पर नियंत्रण नहीं हुआ, तो अस्थिरता बनी रह सकती है। लेकिन बाजार धीरे-धीरे bounce back भी कर सकता है।
Q4. क्या डॉलर में निवेश करना चाहिए?
गिरते हुए रुपये और वैश्विक संकट को देखते हुए गोल्ड, डॉलर आधारित फंड्स और इंटरनेशनल ETF पर विचार करना बुद्धिमानी हो सकती है।
निष्कर्ष
2025 का यह बाजार क्रैश हमें एक बार फिर याद दिलाता है कि ग्लोबल इकोनॉमी कितनी आपस में जुड़ी हुई है। एक देश की नीति पूरी दुनिया के बाजार को हिला सकती है। हालांकि भारत की आर्थिक नींव मजबूत है, लेकिन सतर्कता जरूरी है।
Stock Market Crash: Sensex, Nifty Fall Over 1% – What’s Behind the Market Turmoil?