भारत का 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट AMCA: जानिए मार्क 1 और मार्क 2 में क्या है अंतर

भारत का 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट AMCA: जानिए मार्क 1 और मार्क 2 में अंतर
दुनिया के सिर्फ तीन देश — अमेरिका, रूस और चीन — के पास ही अभी तक 5वीं पीढ़ी (5th Generation) के स्टेल्थ फाइटर जेट हैं। अब भारत भी इस खास क्लब में शामिल होने की तैयारी में है। भारत का AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट दो वैरिएंट्स — Mark 1 और Mark 2 — के साथ तैयार किया जा रहा है।
AMCA क्या है?
AMCA एक 25 टन वज़नी, दो इंजन वाला स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसे ADA (Aeronautical Development Agency) और HAL (Hindustan Aeronautics Limited) मिलकर बना रहे हैं। इसका लक्ष्य वर्ष 2035 तक भारतीय वायुसेना और नौसेना में शामिल करना है। इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग ₹15,000 करोड़ बताई गई है।
मार्क 1 बनाम मार्क 2: क्या है फर्क?
🔹 AMCA Mark 1:
- अमेरिकी GE-F414 इंजन (98kN थ्रस्ट)
- इंटरनल वेपन्स बे, एडवांस्ड सेंसर, और स्टील्थ तकनीक
- प्रोटोटाइप वर्ष 2028 तक तैयार होने की उम्मीद
🔹 AMCA Mark 2:
- 110kN थ्रस्ट वाला स्वदेशी इंजन
- GE, Safran, या Rolls-Royce जैसी कंपनियों के सहयोग से
- शामिल होंगी 6वीं पीढ़ी की तकनीकें जैसे AI और Directed Energy Weapons
5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट की खासियतें:
- सुपरक्रूज़: आफ्टरबर्नर के बिना तेज़ गति
- एडवांस्ड सेंसर: युद्ध में रियलटाइम डेटा
- इंटरनल वेपन्स बे: रडार से बचाव
- मल्टी-रोल क्षमताएं: हवा-हवा, जमीन पर हमला, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर
भारत के लिए क्यों है AMCA ज़रूरी?
- क्षेत्रीय खतरा:
चीन ने J-20 जेट तैनात किए हैं और पाकिस्तान 2029 तक J-35A लेने वाला है। इनसे मुकाबले के लिए भारत को आधुनिक फाइटर जेट्स की ज़रूरत है। - आत्मनिर्भर भारत:
स्वदेशी तकनीक से बनने वाला यह जेट भारतीय रक्षा उद्योग को मज़बूत करेगा और हज़ारों नौकरियों का सृजन करेगा। - वायुसेना की आवश्यकता:
अभी भारतीय वायुसेना में सिर्फ 30 स्क्वाड्रन हैं, जबकि ज़रूरत 42 की है। AMCA के 7 स्क्वाड्रन इस कमी को पूरा करेंगे।

क्या हैं चुनौतियां?
प्रतिस्पर्धा:
चीन और पाकिस्तान पहले से आगे हैं, भारत को तेज़ी से प्रगति करनी होगी।
समय और तकनीक:
5वीं पीढ़ी का जेट बनाना बेहद जटिल है, भारत को इंजन और स्टील्थ तकनीक में विदेशी सहयोग की ज़रूरत है।
देरी:
तेजस जैसे प्रोजेक्ट में देरी हुई है, इसलिए AMCA के लिए समय पर काम करना अनिवार्य है।
प्रतिस्पर्धा:
चीन और पाकिस्तान पहले से आगे हैं, भारत को तेज़ी से प्रगति करनी होगी।
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