प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत की ऐतिहासिक दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं, जो 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधान मंत्री की पहली यात्रा है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत की ऐतिहासिक दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं, जो 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधान मंत्री की पहली यात्रा है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कुवैत के दो दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे. पीएम मोदी के इस दौरे से दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में रिश्ते मजबूत होंगे. साथ ही मंत्रालय में सचिव (प्रवासी भारतीय मामले) अरुण कुमार चटर्जी ने बताया कि पीएम के इस दौरे के दौरान कुछ द्विपक्षीय समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 21 दिसंबर को मिडिल ईस्ट के देश कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे. पूरे 4 दशकों के बाद कोई भारतीय पीएम खाड़ी देश की यात्रा पर जा रहे हैं. पीएम मोदी भारत और कुवैत के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने के लिए यह यात्रा कर रहे हैं.

पीएम मोदी अपनी इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान कुवैत के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे. साथ ही वो भारतीय ब्लू-कॉलर श्रमिकों के आवास वाले एक श्रमिक शिविर का दौरा करेंगे, एक भारतीय समुदाय के कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और गल्फ कप फुटबॉल टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे.

पीएम किंग से करेंगे मुलाकात

पीएम मोदी कुवैत के किंग (अमीर) शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निमंत्रण पर देश का दौरा कर रहे हैं. अमीर से मुलाकात के अलावा वह कुवैत के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री से भी बातचीत करेंगे. ये बैठकें दोनों पक्षों को व्यापार, इंवेस्टमेंट, ऊर्जा, संस्कृति और लोगों से लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने में मदद करेंगी.

भारत और कुवैत के बीच ऊर्जा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में बहुत मजबूत संबंध हैं, लेकिन भारत की तरफ से आखिरी बार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साल 1981 में 43 साल पहले कुवैत का दौरा किया था. तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 2009 में पश्चिम एशियाई देश की यात्रा की थी.

पीएम का दौरा क्यों है अहम?

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कुवैत के साथ द्विपक्षीय इन्वेस्टमेंट ट्रीटी और डिफेंस सहयोग समझौते पर चर्चा चल रही है. मंत्रालय में सचिव (प्रवासी भारतीय मामले) अरुण कुमार चटर्जी ने बताया कि पीएम के इस दौरे के दौरान कुछ द्विपक्षीय समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है. अरुण कुमार चटर्जी ने कहा, इस दौरे से भारत-कुवैत संबंधों में एक नया अध्याय खुलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इससे डिफेंस और व्यापार में सहयोग बढ़ने की भी उम्मीद है.

अरुण कुमार चटर्जी ने कहा कि पीएम की यह यात्रा न सिर्फ दोनों देशों के बीच मौजूदा क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करेगी बल्कि भविष्य के सहयोग के लिए नए रास्ते भी खोलेगी, हमारे साझा मूल्यों को मजबूत करेगी और भविष्य के लिए अधिक मजबूत साझेदारी का निर्माण करेगी.

भारत और कुवैत के रिश्ते

भारत कुवैत के शीर्ष व्यापारिक पार्टनर में से एक है और 2023-24 के दौरान दोतरफा व्यापार 10.47 बिलियन डॉलर का था. भारतीय निर्यात 2022-23 में 1.56 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 2.1 बिलियन डॉलर हो गया, जिसमें साल-दर-साल 34.7% का इजाफा हुआ है.

कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता ( Crude Supplier) है, जो देश की 3% ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है, जबकि भारत में कुवैत इंवेस्टमेंट 10 बिलियन डॉलर से अधिक है. दस लाख भारतीय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बनाते हैं. भारत और जीसीसी, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत शामिल हैं, के बीच व्यापार 2022-23 में 184.46 बिलियन डॉलर का था.

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